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  5. स्किन एलर्जी : कारण, लक्षण और इलाज (Skin Allergy: Causes, Symptoms And Treatment)

त्वचा हमारे शरीर का सबसे बाहरी आवरण होता है। यह हमारी खूबसूरती को भी दर्शाती है।लेकिन कई बार इसी खूबसूरती में ''दाग'' भी लग जाता है। एलर्जी का ''दाग''। स्किन एलर्जी को लोग अक्सर हल्के में लेते हैं और जब एलर्जी बहुत ज्यादा बढ़ जाती है, तब भी डॉक्टर के पास ना जाकर घरेलू नुस्खों को आजमाते हैं। इस वजह से कई बार एलर्जी स्थायी घाव दे जाती है, जो हमारी पर्सनैलिटी में रुकावट बनता है। स्किन एलर्जी को गंभीरता से लेने की जरूरत है। आज हम इसी के बारे में बात करने वाले हैं।

स्किन एलर्जी क्या है - What Is Skin Allergy In Hindi

स्किन एलर्जी के बारे में हम सबने सुना है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसके होने की कोई एक वजह नहीं होती है? कई वजहों से हमारी स्किन में एलर्जी हो सकती है और यह चेहरे के अलावा भी शरीर के किसी भी हिस्से में परेशानी की वजह बन सकती है। स्किन एलर्जी उस अवस्था को कहते हैं, जब हमारी त्वचा इरिटेट या कहें उग्र हो जाती है। ऐसा हमारे इम्यून सिस्टम के प्रतिक्रिया देने से होता है। इम्यून सिस्टम यह इशारा करता है कि हमारी स्किन किसी ऐसी चीज के संपर्क में है, जो त्वचा के लिए नुकसानदेह हो सकता है। परिणाम स्वरूप हमें स्किन में खुजली, रैशेज, जलन आदि महसूस और दिखाई देने लगते हैं। कई बार तो इस वजह से धब्बे, पित्ती और त्वचा में सूजन तक आ जाती है। [1]

स्किन एलर्जी के प्रकार- Types Of Skin Allergy In Hindi

स्किन एलर्जी के कई प्रकार हैं। इनमें से कुछ बहुत कॉमन हैं, जो किसी के लिए भी परेशानी बन सकते हैं। इनके बारे में जानना हम सभी के लिए जरूरी है।

1. एक्जिमा (Eczema)

man with eczema disease on hand

एक्जिमा एक सामान्य शब्द है, जो कई अलग-अलग परिस्थितियों के होने पर इस्तेमाल किया जाता है। इसमें त्वचा में सूजन होती है, त्वचा लाल और पपड़ीदार हो जाती है और उसमें खुजली होती है। एक्जिमा स्किन में होने वाली एक बहुत कॉमन एलर्जी है। एटोपिक एक्जिमा इसके सबसे आम रूपों में से एक है। यह बड़ों से लेकर बच्चों तक को प्रभावित कर सकती है, लेकिन संक्रामक नहीं है यानी एक से दूसरे में नहीं फैलती।

2. ग्रैनुलोमा एनुलारे (Granuloma Annulare)

granuloma annulare a rare skin disease on a leg of a female patient

ग्रैनुलोमा एनुलारे एक प्रकार की क्रोनिक स्किन एलर्जी है। इसमें स्किन में लाल चकत्ते (पपल्स) के साथ गोलाकार आकार के दाने हो जाते हैं। यह बच्चों और किशोरों यानी यंग अडल्ट्स में ज्यादा होती है। उनमें भी लड़कियों में यह एलर्जी ज्यादा होती है। इस एलर्जी में हाथ-पैरों में छोटे-छोटे गोल दाने हो जाते हैं और उनमें खुजली होती है। यह क्यों होती है, इसके बारे में ज्यादा पता नहीं चल पाया है, लेकिन इसका इलाज आसानी से किया जा सकता है।

3. लिचेन प्लानस (Lichen Planus)

case of lichen planus in a woman

यह 30 से 70 साल तक उम्र के युवा और बुजुर्गों में होने वाली एक सामान्य स्किन एलर्जी है। इसमें त्वचा में चमकदार धब्बे उभर आते हैं। यह एलर्जी शरीर के किसी भी भाग की त्वचा में हो सकती है, लेकिन सबसे ज्यादा कलाई, टखनों, पैर के निचले भाग, पीठ और गर्दन में होती है। कुछ लोगों के सिर, मुंह और नाखूनों के अंदर की त्वचा में भी यह एलर्जी हो जाती है। यह जेनेटिक कारणों से ज्यादा होती है। मतलब- परिवार में किसी को है, तो आपको भी हो सकती है। डॉक्टर भी इस एलर्जी के ट्रीटमेंट से पहले मरीज की हेल्थ हिस्ट्री और परिवार के सदस्यों की जानकारी लेते हैं और फिर इलाज शुरू होता है।

4. पित्ती और एंजियोएडेमा (Hives and Angioedema)

urticaria or hives on the human back

पित्ती या हीव्स एक बहुत कॉमन स्किन एलर्जी है। इसमें स्किन में लाल उभरे हुए दाने हो जाते हैं, जिनमें बहुत तेज खुजली होती है। ये शरीर में कहीं भी दिखाई दे जाती हैं। ये बहुत ही तेजी से बढ़ती हैं और ज्यादातर मामलों में कुछ दिनों में ही ठीक हो जाती हैं। कई लोगों में पित्ती की एलर्जी बहुत पुरानी भी होती है। पित्ती की तरह ही एंजियोएडेमा भी एक प्रकार की स्किन एलर्जी है। इसमें स्किन में सूजन आ जाती है, जिसका असर त्वचा के अंदर तक होता है। आमतौर पर इसमें खुजली नहीं होती, लेकिन चेहरा, पलकें, होंठ, हाथ, पैर में सूजन आ जाती है। आमतौर पर यह पित्ती के साथ-साथ ही होती है। पित्ती किसी भी वजह से हो सकती है। कई बार यह खानपान में गड़बड़ी, किसी दवा की एलर्जी से भी हो जाती है। बहुत ठंड, गर्मी या धूप के संपर्क में बहुत देर तक रहने से भी कई लोगों को पित्ती हो जाती है। [2]

स्किन एलर्जी के लक्षण - Skin Allergy Symptoms In Hindi

आमतौर पर स्किन एलर्जी के लक्षण हल्के-फुल्के ही होते हैं। कोई एलर्जी पहली बार होती है, तो उसके लक्षण भी बहुत हल्के होते हैं। लेकिन अगर बार-बार एलर्जी हो रही है, तो कई बार लक्षण गंभीर रूप ले लेते हैं। तब डॉक्टरी इलाज ही एकमात्र रास्ता बच जाता है। स्किन एलर्जी के कुछ सामान्य लक्षण इस प्रकार हैं।

स्किन एलर्जी के सामान्य लक्षण

  • पित्ती (त्वचा पर खुजलीदार लाल धब्बे)
  • त्वचा में खुजली होना
  • लाल रैशेज
  • त्वचा का लाल हो जाना
  • त्वचा में सूजन
  • त्वचा की खाल का निकलना
  • स्किन में क्रैक्स आना
  • त्वचा का उभरना या उसमें गांठें बनना [3]

स्किन एलर्जी के कारण -Skin Allergy Causes In Hindi

स्किन एलर्जी किन वजहों से होती है यह एक बड़ा विषय है, लेकिन कुछ ऐसी वजहें हैं, जिनकी वजह से लोगों में आमतौर पर स्किन एलर्जी हो जाती है। जूलरी में इस्तेमाल होने वाला मेटल और कपड़ों या त्वचा में लगाए जाने वाली खुशबूदार चीजों जैसे- परफ्यूम आदि से स्किन एलर्जी आमतौर पर होती है।

  • निकिल और गोल्ड जूलरी से बहुत लोगों को स्किन एलर्जी हो जाती है। गर्मियों में पसीना निकलने पर जब वह जूलरी त्वचा के संपर्क में आता है, तब अक्सर स्किन एलर्जी हो जाती है।
  • परफ्यूम्स और स्किन लोशन में मिलाई जाने वाली खुशबू (माय्रोक्सिलोन परेरा) से भी बहुत लोगों को स्किन एलर्जी हो जाती है।
  • थिमेरोसॉल एक एंटीसेप्टिक है और कुछ वैक्सीन को सुरक्षित रखने में भी यह इस्तेमाल होता है।इसके संपर्क में आने से भी स्किन एलर्जी होती है।
  • नियोमाइसिन सल्फेट एक एंटीबायोटिक है, जो प्राथमिक उपचार देने वाली क्रीम, ऑइंटमेंट, डियोड्रेंट, सोप्स, जानवरों के भोजन में इस्तेमाल होता है। इससे भी स्किन एलर्जी हो जाती है।
  • खाद्य पदार्थों, कॉस्मेटिक उत्पादों, कीटनाशकों, एंटीसेप्टिक्स, साबुन, इत्र, और डेंटल उत्पादों में पाए जाने वाली खुशबुओं यानी फ्रेग्नेंस से भी स्किन एलर्जी कई लोगों को हो जाती है।
  • हेयर डाई बनाने में इस्तेमाल होने वाले कोबॉल्ट क्लोराइड और शैंपू, नेल पेंट, सनस्क्रीन आदि को सुरक्षित रखने में इस्तेमाल होने वाले ''क्वाटरनियम 15'' नामक पदार्थ की वजह से भी स्किन एलर्जी हो जाती है।
  • इसके अलावा पराग कणों, धूल, किसी कीड़े के काटने से, किसी दवा की वजह से, खास तरह के पेड़-पौधों के संपर्क में आने से, कई बार ब्यूटी प्रॉडक्ट्स से, पालतू जानवरों की वजह से भी स्किन एलर्जी हो जाती है। [4]

स्किन एलर्जी के परीक्षण- Diagnosis Of Skin Allergy In Hindi

स्किन टेस्ट बच्चों से लेकर बड़ों तक हर आयु वर्ग के लिए सुरक्षित है। हालांकि कुछ परिस्थितियों में स्किन टेस्ट नहीं किए जाता है। ध्यान रहे आप खुद से किसी परीक्षण को करने की कोशिश ना करें। अपने डॉक्टर से पहले सलाह लें। हम कुछ ऐसे स्किन परीक्षण के बारे में बता रहे हैं, जो आमतौर पर किए जाते हैं।

1. स्किन प्रिक टेस्टिंग : Skin Prick Testing

skin prick allergy testing for possible allergens

यह सबसे कॉमन टेस्ट है स्किन एलर्जी का। इस टेस्ट को पीठ या बाजू पर किया जाता है, लेकिन अगर पीठ या बाजू पर एलर्जी बहुत ज्यादा बढ़ गई है, तब इस टेस्ट को नहीं किया जाता है। इस परीक्षण में बाजू या पीठ पर कुछ लिक्विड डाला जाता है। उस लिक्विड में एलर्जी बढ़ाने वाला केमिकल होता है। अगर आपको उस केमिकल से एलर्जी है तो कुछ ही देर में स्किन पर उसका असर दिखाई देने लगता है। स्किन लाल हो जाती है और कई लोगों को खुजली भी होने लगती है। हालांकि कई तरह की दवाइयों से इस टेस्ट के रिजल्ट प्रभावित हो सकते हैं, इसलिए डॉक्टर पहले से मरीज से पूरी हिस्ट्री जान लेते हैं।

2. ब्लड टेस्ट : Blood Test

जिन लोगों के स्किन प्रिक टेस्ट नहीं किया जाता, उनमें ब्लड टेस्ट करके एलर्जी का परीक्षण किया जाता है। कई मरीजों में स्किन प्रिक टेस्ट और ब्लड टेस्ट दोनों ही किए जाते हैं। इस टेस्ट में ब्लड सैंपल को लैब में भेजा जाता है और वहां ब्लड में एलर्जी बढ़ाने वाला केमिकल मिलाया जाता है। फिर ब्लड जो एंटीबॉडी बनाता है, उन्हें देखकर रिजल्ट का पता लगाते हैं।

3. पैच टेस्ट : Patch test

एक्जिमा एलर्जी का पता लगाने के लिए इस टेस्ट को किया जाता है। इसमें त्वचा पर केमिकल लगाया जाता है, जो एलर्जी की वजह बनता है। उसे ढककर तीन-चार दिनों के लिए छोड़ दिया जाता है। उसके बाद मिलने वाले परिणाम को परखा जाता है। [5]

4. लेकिन यह बात ध्यान रहे

कई बार स्किन एलर्जी का सटीक पता लगाने के लिए और भी कई परीक्षण करने पड़ते हैं। अगर किसी परीक्षण में एलर्जी का पता चलता है, तो उसमें यह पता नहीं चलता कि एलर्जी कितनी गंभीर है। कई बार टेस्ट नेगेटिव आता है, लेकिन मरीज को एलर्जी होती है, क्योंकि मरीज अपनी हिस्ट्री छुपा जाता है और कुछ ऐसी दवाइयां ले रहा होता है, जो एलर्जी का पता नहीं लगने देतीं। ऐसे में जरूरी है कि आप अपने डॉक्टर से कोई भी बात ना छुपाएं। [6]

स्किन एलर्जी का उपचार- Skin Allergy Treatments In Hindi

डॉक्टरी उपचार एलर्जी को देखने के बाद तय किया जाता है। ऐसे लोग जिनकी त्वचा ड्राई है, उन्हें एक अच्छे मॉइश्चराइजर की जरूरत भी होती है।

  • एग्जिमा या पित्ती : एलर्जी कितनी है, उस हिसाब से दवाइयां दी जाती हैं। ज्यादातर स्किन स्पेशलिस्ट ऐसी एलर्जी में क्रीम लगाने की सलाह देते हैं। इसे सीधे त्वचा पर लगाया जाता है। साथ ही कुछ ओरल टेबलेट भी दी जाती हैं, जो एलर्जी में आराम पहुंचाती हैं।
  • फंगल इन्फेक्शन : रिंगवॉर्म या अन्य फंगल इन्फेक्शन में एंटीफंगल ट्रीटमेंट किया जाता है। इसमें भी शैंपू और क्रीम लगाने के लिए दी जाती है। इन्फेक्शन बहुत ज्यादा होने पर कुछ टेबलेट दी जाती हैं। जैसे- टर्बिनाफाइन (Terbinafine) और लैमिसिल (Lamisil) को आमतौर पर यूज किया जाता है।
  • कीड़े के काटने या डंक मारने की स्थिति में : कई बार इस स्थिति में भी घाव वाली जगह पर एलर्जी हो जाती है। तब कीट रेपलेंट का उपयोग किया जाता है और घाव को ढककर रखा जाता है।

स्किन एलर्जी के लिए घरेलू उपाय -Home Remedies For Skin Allergy In Hindi

पुरानी प्रैक्टिस के अनुसार, ये होम रेमेडीज स्किन एलर्जी को ठीक करने के लिए काम करते हैं।

  • सेब का सिरका : स्किन एलर्जी में सेब के सिरके का इस्तेमाल लंबे वक्त से लोकप्रिय एक घरेलू उपाय है।माना जाता है कि इससे एग्जिमा में आराम मिलता है और इन्फेक्शन का खतरा कम हो जाता है। एग्जिमा एक आम स्किन एलर्जी है और अकेले अमेरिका में 3 करोड़ से ज्यादा लोग इससे प्रभावित हैं। एक्सपर्ट के अनुसार दो कप सेब के सिरके को गर्म पानी में मिलाकर नहाने से त्वचा को नमी मिलती है और वह स्मूथ होती है। कहा जाता है कि सेब का सिरका त्वचा के एसिडिटी लेवल को वापस लाता है। कई लोग विनेगर वाली क्रीम भी इस्तेमाल करते हैं, जो स्किन के पीएच को सामान्य बनाती है।
  • एलोवेरा : करीब 6 हजार साल से एलोवेरा को घरेलू नुस्खों में इस्तेमाल किया जा रहा है। इसकी मोटी पत्तियों के अंदर पानीदार जैल होता है, जिसे कई प्रकार से उपयोग किया जाता है। इसे त्वचा में भी लगाया जाता है, जो स्किन को मुलायम, हाइड्रेटेड बनाता है और जख्मों-निशानों को भरता है। कई तरह के रैशेज में भी इसे त्वचा पर लगाने की सलाह डॉक्टर देते हैं। तीन महीने से ऊपर के बच्चों में डाइपर से होने वाले रैशेज में भी एलोवेरा जेल को लगाया जा सकता है, लेकिन कई लोगों को इससे भी एलर्जी हो सकती है। ऐसे में किसी भी नुस्खे को आजमाने से पहले आप डॉक्टर से जरूर सलाह लें। इसे लगाना काफी आसान है- एलर्जी वाली जगह पर एलोवेरा जैल को लगाएं। यह काफी जल्दी सूख जाता है। 20 से 25 मिनट बाद स्किन को साफ कर लें या धो लें। शुरुआत में दिन में दो बार इसे लगाएं। इससे अच्छे परिणाम मिलते हैं।
  • बेकिंग सोडा : बेकिंग सोडा त्वचा के पीएच असंतुलन को ठीक कर सकता है। यह त्वचा की एलर्जी को भी कम करता है। इसे इस्तेमाल करना भी बहुत आसान है। चार टेबलस्पून बेकिंग सोडा में 12 चम्मच डिस्टिल्ड पानी या आसुत जल को मिलाकर पेस्ट बना लें। अब इस पेस्ट को एलर्जी वाली जगह पर लगाएं। 10 मिनट बाद ठंडे पानी से त्वचा को धो लें। उसके बाद एलर्जी वाली जगह पर नारियल का तेल लगाएं। इससे काफी आराम मिलता है।
  • नारियल का तेल : नारियल तेल कई तरह से हमारी त्वचा के लिए गुणकारी है। एग्जिमा की स्थिति में यह काफी आराम पहुंचाता है। यह ना सिर्फ एग्जिमा के लक्षणों को कम करता है, बल्कि जलन कम करता है। त्वचा को मुलायम बनाता है और इन्फेक्शन के खतरे से भी दूर करता है। लेकिन ऐसे लोग जिन्हें नारियल से एलर्जी है, उन्हें नारियल तेल का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। इसे लगाने का सबसे सही समय रात में है, क्योंकि त्वचा में धीरे-धीरे समाहित होता है।
  • पेपरमिंट ऑयल : पेपरमिंट ऑयल ठंडा होता है और पित्ती में यह खासतौर से फायदा पहुंचाता है। डायबिटीज, लिवर डिजीज और किडनी डिजीज की वजह से होने वाली एलर्जी में भी यह फायदा पहुंचाता है। इसे पेट्रोलियम जैली यानी वैसलीन के साथ मिलाकर भी एलर्जी वाली जगह पर लगाया जा सकता है, लेकिन इस्तेमाल से पहले डॉक्टर से जरूर परामर्श कर लें।

अन्य उपाय

स्किन एलर्जी के इलाज के लिये 6 लाभदायक तरीके

  • अच्छी गुणवत्ता वाली मॉइश्चराइजर क्रीम का उपयोग करें। दिनभर में कम से कम दो बार उसे लगाएं।
  • एक अच्छी एंटी इचिंग क्रीम साथ रखें। बहुत ज्यादा खुजली होने पर यह आराम देती हैं। साथ ही हल्के गुनगुने पानी से स्नान करें।
  • नहाने के दौरान कम केमिकल वाले साबुन का इस्तेमाल करें। कपड़े धोने के लिए भी हल्के झाग वाला डिटरजेंट लें। परफ्यूम इस्तेमाल ना करें। ऐसे सभी प्रॉडक्ट्स ऑनलाइन भी आसानी से मिल जाते हैं।
  • ऐसी चीजें इस्तेमाल करने से बचें, जिनकी वजह से त्वचा में एलर्जी होने की संभावना बढ़ जाती है। जैसे- निकिल, जूलरी और ऊनी कपड़े।
  • सबसे जरूरी चीज जहां भी एलर्जी है, खुजलाएं नहीं। इससे ना सिर्फ सूजन बढ़ती है, बल्कि त्वचा को भी नुकसान होता है।
  • अगर क्रीम असर ना करें, एलर्जी बढ़ती जाए, तो घरेलू उपायों को छोड़ अपने डॉक्टर से परामर्श लें, क्योंकि समस्या का पूरा समाधान वहीं से हो पाएगा। [7]

स्किन एलर्जी से बचाव के उपाय -Prevention Of Skin Allergy In Hindi

  • अगर आप जानते हैं कि किन खास चीजों से आपको एलर्जी हो सकती है, तो उनसे दूर रहने की कोशिश करें।यह थोड़ा अजीब तो है, लेकिन कई बार आपको एलर्जी से बचाव मिलता है।
  • एलर्जी से परेशान लोगों को ठंडे पानी से नहाना चाहिए। नहाने के बाद शरीर को अच्छे से सूखने देना चाहिए और उसके बाद त्वचा को मॉइश्चराइज करना चाहिए।
  • अगर आप बार-बार एलर्जी से पीड़ित होते हैं तो एक अच्छी एंटी इचिंग क्रीम को साथ में जरूर रखें। बहुत ज्यादा खुजली होने पर यह आराम पहुंचाती है।
  • बहुत टाइट कपड़े पहनने से बचें। इनकी वजह से रैशेज के चांस बढ़ जाते हैं। ढीले कपड़े पहनें और ऐसा फैब्रिक चुनें, जिससे हवा आर-पार होती हो। जैसे- कॉटन।

स्किन एलर्जी में क्या खाना चाहिए -What To Eat During Skin Allergy In Hindi

  • क्वेरसेटिन नामक तत्व एलर्जी को कम करने में मदद करता है। यह प्रमुख रूप से प्याज, मिर्च, जामुन आदि में पाया जाता है।
  • किवी में भरपूर मात्रा में विटामिन-सी पाया जाता है, जो एलर्जी की वजह बनने वाले हिस्टामाइन से लड़ता है। किवी की जगह आप संतरे या दूसरे विटामिन से भरपूर दूसरे खट्टे फल भी खा सकते हैं।
  • अनानास यानी पाइनएपल में ब्रोमेलैन नामक एक एंजाइम होता है। इसका सेवन भी एलर्जी में आराम पहुंचा सकता है।
  • शहद एलर्जी से काफी हद तक सुरक्षित रखता है। इसका सेवन रोजाना करना चाहिए, बशर्ते कि शहद स्थानीय स्तर पर मिल जाए और शुद्ध हो।

स्किन एलर्जी की दवा -Medicine For Skin Allergy

हर प्रकार की स्किन एलर्जी के लिए अलग-अलग दवाएं हैं। डॉक्टर एलर्जी का परीक्षण और ब्लड टेस्ट करने के बाद दवाओं का कोर्स शुरू करते हैं। यह क्रीम और टेबलेट बेस में होती हैं। लेकिन एलर्जी में कुछ कॉमन दवाएं भी इस्तेमाल की जाती हैं। ये हैं-

  • हाइड्रोकोर्टिसोन क्रीम
  • मलहम जैसे कैलेमाइन लोशन
  • एंटिहिस्टामाइन्स
  • बेक्लोमीथासोन (स्टेरॉयड क्रीम)।
  • Cetirizine (एंटीहिस्टामाइन)।
  • क्रॉमोलिन (मास्ट सेल स्टेबलाइजर)।
  • साइप्रोहेप्टाडिन (एंटीहिस्टामाइन)।
  • डेसोरलाटाडाइन (एंटीहिस्टामाइन)।
  • डीफेनहाइड्रामाइन (एंटीहिस्टामाइन)।
  • डुपिलुम्ब (बायोलॉजिक, मोनोक्लोनल एंटीबॉडी)।
  • फ्लूटिकसोन प्रोपियोनेट (स्टेरॉयड क्रीम)।
  • Fexofenadine (एंटीहिस्टामाइन)।
  • हाइड्रोक्सीज़ीन (एंटीहिस्टामाइन)।
  • केटोतिफेन (मास्ट सेल स्टेबलाइज़र-एंटीहिस्टामाइन)।
  • लेवोसेटिरिज़िन (एंटीहिस्टामाइन)।
  • लोरैटैडाइन (एंटीहिस्टामाइन)।

इनमें से किसी के भी इस्तेमाल से पहले डॉक्टर से जरूर परामर्श लें।

स्किन एलर्जी की ओटीसी दवा -OTC Medicine For Skin Allergy In Hindi

सबसे पहले यह जानना जरूरी है कि ओटीसी दवाएं होती क्या हैं। ओटीसी यानी ओवर द काउंटर ड्रग। यह ऐसी दवाएं हैं, जिन्हें डॉक्टर से बिना लिखवाए या डॉक्टर के पर्चे के बिना मेडिकल स्टोर या दवा की दुकान से खरीदा जा सकता है। लेकिन हमारा सुझाव यही है कि स्किन एलर्जी के मामले में किसी भी दवा को इस्तेमाल करने से पहले डॉक्टरी परामर्श जरूर लें। कुछ ओटीसी दवाएं इस प्रकार हैं।

  • हाइड्रोकोर्टिसोन क्रीम
  • एक्सडर्म फ्लेयर कंट्रोल क्रीम
  • इकोसरीन कैलमिंग इट-रिलीफ लोशन
  • ओरल एंटीहिस्टामाइन

निष्कर्ष : Conclusion

स्किन एलर्जी कई वजहों से और कई प्रकार की होती है। इसका शुरुआती इलाज घर में इस्तेमाल होने वाली चीजों से ही किया जा सकता है, लेकिन अगर आपकी एलर्जी गंभीर हालत में पहुंच गई है, तो डॉक्टरी इलाज ही सबसे जरूरी और बेहतर साबित होगा। ऐसे में देर ना करें, एलर्जी को गंभीरता से लें।

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