त्वचा हमारे शरीर का एक अहम भाग है। हर कोई चाहता है कि उसकी त्वचा साफ-सुथरी और चमकदार दिखे। यह जितनी स्वस्थ होती है, इंसान के व्यक्तित्व पर उतना ही अधिक असर पड़ता है। त्वचा हमारे शरीर का महत्वपूर्ण भाग इसलिए भी है, क्योंकि यह हमारे शरीर के अंदरूनी भाग के लिए पहला सुरक्षा कवच है, जो बाहर के वातावरण से शरीर की रक्षा करती है।
शरीर की रक्षा करते-करते कई बार त्वचा को वायरस, बैक्टीरिया और दूसरे खतरों से जूझना पड़ता है। हम अक्सर अपने आसपास ऐसे लोगों को देखते हैं, जिनकी त्वचा किसी न किसी वजह से लाल धब्बों से प्रभावित होती है। त्वचा पर लाल धब्बे कई वजहों से हो सकते हैं और यह बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक में समस्या की वजह बन सकते हैं। आइए जानते हैं त्वचा पर लाल धब्बे के 10 सामान्य कारण।
पिटिरियासिस रोसिया - Pityriasis Rosea
1. पिटिरियासिस रोसिया - Pityriasis Rosea
पिटिरियासिस रोसिया एक आम त्वचा रोग है। इसमें त्वचा में दाने हो जाते हैं, जो कई हफ्तों से लेकर कई महीनों तक रह सकते हैं। खास बात यह है कि हर व्यक्ति में अलग-अलग तरह के दाने दिखाई दे सकते हैं। यह समस्या किशोरों और युवाओं में विशेष रूप से देखी जाती है और 60 साल से ज्यादा उम्र के लोगों में इसका होना असामान्य है। राहत की बात यह है कि इसकी वजह से त्वचा पर स्थायी निशान नहीं रहते हैं, हालांकि कुछ लोगों में भूरे रंग के धब्बे नजर आ सकते हैं।
यह दाने समूहों में ना होकर शरीर में अलग-अलग हो सकते हैं और विशेष रूप से ऊपरी बाहों, गर्दन या जांघों पर नजर आते हैं। चेहरे पर इनके होने की संभावना बहुत कम होती है। ये दाने 2-4 सप्ताह के बाद ठीक होने लगते हैं और आमतौर पर 6-14 सप्ताह तक चले जाते हैं। हालांकि बहुत ज्यादा फिजिकल एक्टिविटी करने पर या गर्म पानी से नहाने पर दाने त्वचा को नुकसान पहुंचा सकते हैं या दोबारा हो सकते हैं।
इनके होने की क्या वजह है, इसके प्रमाण आजतक नहीं मिले हैं। लेकिन यह वायरस या बैक्टीरिया के कारण नहीं होते। आमतौर पर डॉक्टर इस समस्या में क्रीम के साथ-साथ दवाएं खाने के लिए देते हैं। रैश से निपटने के लिए ओटमील बाथ, एंटी-इच मेडिकेटेड लोशन और स्टेरॉयड क्रीम निर्धारित की जा सकती हैं। गर्म के बजाय गुनगुने पानी से नहाने की सलाह दी जा सकती है। हल्के मामलों में उपचार की जरूरत नहीं पड़ती है। लेकिन कोई भी दवा बिना डॉक्टर की सलाह के इस्तेमाल नहीं करें। [1]
2. घमौरियां - Heat Rash
हीट रैश को आमतौर पर घमौरियां भी कहा जाता है। इनकी वजह से भी त्वचा पर लाल धब्बे हो जाते हैं। हीट रैश एक तरह से त्वचा की जलन है, जिसकी वजह से लोगों को चुभन का एहसास होता है। यह त्वचा को लाल कर देती है। इसे मिलिरिया या प्रिकली हीट भी कहा जाता है। घमौरियां गर्मियों में और आमतौर पर तब होती हैं, तब मौसम में ज्यादा ह्यूमिडिटी होती है और व्यक्ति को बहुत पसीना आता है। यह बच्चों से लेकर बड़ों तक को हो जाती हैं और चेहरे से लेकर गर्दन, छाती और पीठ में सबसे ज्यादा देखी जाती हैं।
इसकी वजह से बहुत छोटे लाल दाने शरीर में उभर आते हैं। जब व्यक्ति को बहुत पसीना आता है और वह उसकी त्वचा के नीचे फंस जाता है, वह व्यक्ति की ग्रंथियों को ब्लॉक कर देता है। इसकी वजह से रैशेज भी हो सकते हैं। [2] घमौरियों के इलाज के लिए किसी तरह के टेस्ट की जरूरत नहीं पड़ती और दाने देखकर ही इनका पता चल जाता है। आमतौर पर घमौरियां चार दिन से लेकर एक हफ्ते में अपने आप ठीक हो जाती हैं, लेकिन अगर यह ठीक नहीं हो रहीं, तो डॉक्टर से मिलना चाहिए, क्योंकि कई बार संक्रमण की वजह से भी घमौरियां हो सकती हैं।
इनके उपचार के तौर पर शरीर में सूती के ढीले कपड़े पहनने चाहिए। त्वचा को ठंडा रखने के उपाय करें। नहाते वक्त शरीर पर बर्फ भी रगड़ सकते हैं, लेकिन बहुत छोटे बच्चों में बर्फ का उपयोग ना करें। बाजार में बहुत से पाउडर उपलब्ध हैं, जिन्हें मेडिकल स्टोर से खरीदा जा सकता है। इनसे भी घमौरियों में राहत मिलती है।
3. मुंहासा - Acne
मुंहासे, पिंपल्स या एक्ने एक आम समस्या है, जिसकी वजह से त्वचा लाल हो जाती है। यह त्वचा में होने वाले सबसे कॉमन समस्या है, जो 12 से 24 साल के 85% किशोरों और युवाओं को प्रभावित करती है। पिंपल्स तब दिखाई देते हैं, जब आपकी त्वचा में तेल ग्रंथियां (छिद्र) अवरुद्ध हो जाती हैं। मृत त्वचा कोशिकाएं और सीबम (तेल) आपके छिद्रों में जमा हो जाते हैं और एक प्लग बनाते हैं। एक बार जब रोम छिद्र बंद हो जाते हैं, तो इससे जलन शुरू होती है जो शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली में बैक्टीरिया भेजकर प्रतिक्रिया करती है।
इन बैक्टीरिया की वजह से सूजन पैदा होती है, जिसकी वजह से मुंहासे आकार लेते हैं। [3] यह आमतौर पर चेहरे, गर्दन को प्रभावित करते हैं और कई बार छाती, कंधों और पीठ के ऊपरी हिस्से में भी हो जाते हैं। यह लड़के और लड़कियों दोनों को प्रभावित करते हैं। हार्मोन में बदलाव और तनाव की वजह से भी मुंहासे हो सकते हैं। गर्भावस्था के दौरान होने वाले हार्मोनल बदलावों की वजह से भी मुंहासे हो जाते हैं।
यह छोटे दाने से लेकर बड़े दाने के रूप में दिखाई देते हैं। इन्हें ठीक होने में कुछ महीनों से लेकर एक लंबा वक्त लग सकता है। उस परिस्थिति में डॉक्टरी उपचार की जरूरत होती है। मुंहासों को लेकर लापरवाही बरती जाए, तो गहरे और कभी ना खत्म होने वाले दाग भी दे जाते हैं।
4. सम्पर्क से होने वाला चर्मरोग - Contact Dermatitis
यह त्वचा की सूजन है, जिसमें त्वचा लाल हो जाती है। यह प्रमुख तौर पर दो वजहों से होता है। त्वचा के संपर्क में आने वाले किसी ऐसे तत्व से यह हो सकता है, जिससे त्वचा का प्राकृतिक तेल खत्म हो जाए और सूजन विकसित होने लगे। कई लोगों को डिटर्जेंट, सॉल्वैंट्स और गर्म पानी से यह समस्या हो जाती है।
इसके होने की दूसरी वजह है एलर्जिक। कई ऐसे केमिकल भी कॉन्टैक्ट डर्मेटाइटिस की वजह बन जाते हैं, जो व्यक्ति की त्वचा से रिएक्ट कर जाते हैं। जैसे- हेयर डाई, इत्र और कुछ ऐसे केमिकल जो ब्यूटी क्रीम्स में इस्तेमाल होते हैं, उनसे भी कॉन्टैक्ट डर्मेटाइटिस होने की संभावना रहती है। [4] इस समस्या से परेशान लोगों को प्रभावित जगह पर खुजली होती है, जो बहुत तेज हो जाती है।
इसकी वजह से त्वचा लाल हो जाती है और कई बार छोटे फफोले भी हो जाते हैं। यह हाथ, गर्दन और चेहरे पर होती है। जहां तक बात है इसके इलाज की, तो इसके लिए डॉक्टरी परामर्श लेना ही बेहतर उपाय है। व्यक्ति की परेशानी के हिसाब से और एलर्जी की वजह को जानकर डॉक्टर इलाज करते हैं।
5. एलर्जी - Allergies
एलर्जी कई प्रकार की होती है, जो हमारी त्वचा को कम से लेकर अति गंभीर नुकसान पहुंचा सकती है। यह कई वजहों से हो सकती है, जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं।
1. पराग से
2. धूल के कण से
3. फफूंद से
4. कुछ खाने की चीजों से
5. किसी कीड़े के काटने से भी [5]
6. कई लोगों की एलर्जी का कारण जेनेटिक भी हो सकता है। मसलन- बच्चों को उनके माता-पिता द्वारा होती है। एलर्जी की वजह से त्वचा में दाने या पित्ती, खुजली आदि होती है। आमतौर पर यह एक-दो सप्ताह से लेकर लंबे वक्त तक हो सकती है। लेकिन किसी भी स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लेनी चाहिए। डॉक्टर आपके लक्षण देखकर पता लगाते हैं कि एलर्जी की वजह क्या है और उसके आधार पर ट्रीटमेंट शुरू किया जाता है।
6. दाद – Shingles
दाद एक वायरल संक्रमण है, जो त्वचा पर एक दर्दनाक दाने या फफोले के प्रकोप का कारण बनता है। यह वैरिकाला-जोस्टर वायरस के कारण होता है, वही वायरस जो चिकनपॉक्स का कारण बनता है। इसके दाने शरीर में चकत्ते या फफोले के रूप में नजर आते हैं। वैरिकाला-जोस्टर वायरस शरीर में हमेशा बना रहता है। उम्र बढ़ने पर कभी-कभी यह फिर से सक्रिय हो जाता है। इसकी वजह से दाद पैदा होते हैं।
यह ऐसे लोगों को अधिक प्रभावित करता है, जिनका इम्यून सिस्टम कमजोर है, या उम्र 50 वर्ष से अधिक है। बिमारी या तनाव, बुखार, ठंड लगना, सिरदर्द, थकान महसूस करना इसके शुरुआती लक्षण हैं। इसके अलावा दाद वाली जगह पर खुजली, जलन होती है। ये दाद आमतौर पर कमर के आसपास या चेहरे, गर्दन के एक तरफ या धड़ (छाती/पेट/पीठ) पर दिखाई देते हैं, लेकिन हाथ और पैर सहित अन्य क्षेत्रों में भी हो सकते हैं। [6]
दाद आमतौर पर 10 दिनों में सूखने और क्रस्ट होने लगते हैं। लगभग दो से तीन सप्ताह बाद साफ हो जाते हैं। बेहतर होगा कि कोई भी इलाज डॉक्टरी सलाह के बिना ना लिया जाए।
7. रिंगवर्म - Ringworm
यह भी एक प्रकार का दाद है, जो फंगस के कारण होने वाला त्वचा का संक्रमण है। इसमें त्वचा पर अंगूठी के आकार के पैटर्न वाला दाना होता है। इसके नाम के कारण लोग सोच लेते हैं कि यह किसी कीड़े के काटने से होता है, जबकि ऐसा बिल्कुल नहीं है। दाद आपके शरीर के किसी भी हिस्से पर दिखाई दे सकता है। हथेलियों, तलवों, खोपड़ी, कमर और नाखूनों पर यह हो सकता है।
शरीर पर दाद कहीं भी हो, इसका इलाज जरूरी है। उपचार के बिना, दाने धीरे-धीरे बढ़ते हैं और एक बड़े क्षेत्र को कवर करते हैं। यह शरीर की बाकी त्वचा में भी फैल सकता है। इसकी वजह से बहुत तेज खुजली होती है और प्रभावित जगह पर धब्बा हो जाता है। क्योंकि यह संक्रामक है, इसलिए आपके आसपास लोगों को भी फैल सकता है। इसके लक्षण नजर आने पर ही उपचार शुरू कर देना चाहिए।
8. डायपर पहनने से उत्पन्न दाने - Diaper Rash
डायपर रैश की समस्या से बच्चे आमतौर पर परेशान होते हैं। यह बहुत सामान्य दाने होते हैं, जो डायपर लगाने वाली जगह पर दिखाई देते हैं। कई बार इनकी वजह से प्रभावित जगह में छाले या अन्य घाव हो जाते हैं। यह लाल रंग के होते हैं और त्वचा में सूजन की भी वजह बनते हैं। कई बार यह डायपर वाली जगह से बाहर भी फैल जाते हैं। आमतौर पर डायपर रैश, डायपर इस्तेमाल करने की शुरुआत में और बच्चे के जन्म के 6 हफ्तों में होते हैं। [7]
इसका उपचार डॉक्टर की मदद से किया जा सकता है। वैसे- आप घर में भी उपचार कर सकते हैं। इसके लिए बच्चे का डायपर अक्सर बदलें। बेबी वाइप्स से बचें। त्वचा को हल्के गर्म पानी या बहुत हल्के साबुन से साफ करें। एक बार डायपर हटाने के कुछ देर बाद दूसरा डायपर लगाएं, ताकि कुछ देर त्वचा हवा से सूख जाए। नया डायपर लगाने से पहले प्रभावित जगह पर डायपर रैश ऑइंटमेंट या क्रीम लगा सकते हैं।
9. लाइकेन प्लानस - Lichen Planus
लाइकेन प्लेनस (एलपी) एक दुर्लभ, पुरानी, सूजन वाली ऑटोइम्यून त्वचा और श्लेष्म झिल्ली की बीमारी है। यह आमतौर पर त्वचा पर खुजली, लाल-बैंगनी धब्बे (घाव) और मुंह में या होंठ में सफेद-भूरे रंग के घाव बना देती है। त्वचा के कई और हिस्सों को भी प्रभावित कर सकती है। ज्यादातर मामलों में यह पता नहीं चल पाता कि लाइकेन प्लेनस की वजह क्या है। माना जाता है कि किसी तरह के संक्रमण, दवाओं, एलर्जी या चोट के संपर्क में आने से यह परेशानी हो सकती है। [8]
यह समस्या कुछ हफ्तों से लेकर महीनों तक जारी रह सकती है और एक बार ठीक होने पर दोबारा हो सकती है। इसके आनुवंशिक मामले भी देखे जाते हैं, लेकिन इन पर अभी शोध किया जा रहा है। इसके उपचार के लिए अक्सर डॉक्टर त्वचा का एक छोटा हिस्सा जिसे बायोप्सी भी कहते हैं, वो लेते हैं। ब्लड टेस्ट भी किए जाते हैं। उसके परिणामों को देखकर उपचार किया जाता है।
10. सोरायसिस – Psoriasis
सोरायसिस हमारी शरीर के इम्यून सिस्टम में परेशानी की वजह से होने वाली बीमारी है। यह हमारी त्वचा पर असर डालती है और इसकी वजह से त्वचा लाल हो जाती है और उसमें पपड़ी यानी छाल बनकर त्वचा से झड़ने लगती है। यह स्थिति संक्रामक नहीं है, यानी एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में नहीं फैलती। इसमें त्वचा में लाल खुरदुरे धब्बे हो जाते हैं। इसकी पहचान होती है, त्वचा के ऊपर बनने वाली सफेद पपड़ी से।
वैज्ञानिक अभी पूरी तरह से सोरायसिस होने की वजह नहीं जान पाए हैं। लेकिन इम्यून सिस्टम और आनुवंशिकी इसके होने की प्रमुख वजह बनते हैं। [9] सोरायसिस शरीर पर कहीं भी दिखाई दे सकता है, यहां तक कि पलकों, कान, होंठ, त्वचा की सिलवटों, हाथ, पैरों और नाखूनों पर भी। यह छोटे-छोटे पैचेज के रूप में या एक ही जगह पर काफी बड़े एरिया को प्रभावित कर सकता है। सोरायसिस का कोई इलाज नहीं है। जैसे लोग शुगर की बीमारी को कंट्रोल कर सकते हैं, खत्म नहीं, वैसे ही इस बीमारी को भी कंट्रोल किया जा सकता है, खत्म नहीं।
निष्कर्ष - Conclusion
त्वचा पर होने वाले दाग-धब्बे किसी भी व्यक्ति की पर्सनैलिटी को प्रभावित करते हैं। इनके कई प्रकार बहुत गंभीर होते हैं और मरीज को लंबे समय तक इलाज करवाना पड़ सकता है। यह बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक को प्रभावित करते हैं, जिनकी वजह से लोगों की अपनी आम जिंदगी में तकलीफों का सामना करना पड़ता है।
1. https://www.aocd.org/page/PityriasisRosea
2. https://familydoctor.org/condition/heat-rash/
3. https://acne.org.au/causes/
4. https://www.bad.org.uk/shared/get-file.ashx?id=191&itemtype=document
5. https://my.clevelandclinic.org/health/diseases/8610-allergy-overview
6. https://my.clevelandclinic.org/health/diseases/11036-shingles
7. https://familydoctor.org/condition/diaper-rash/
8. https://rarediseases.org/rare-diseases/lichen-planus/
9. https://www.aad.org/public/diseases/psoriasis/what/symptoms
Recommended Products
Was this Article helpful?
- Least helpful
- Most helpful